झारखंड: विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी के सामने एक अनार सौ बीमार वाली हालत

झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए के सहयोगी दलों में से एक लोक जनशक्ति पार्टी ने औपचारिक रूप से बीजेपी से सीट की मांग और गठबंधन को लेकर दावा पेश कर दिया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान ने झारखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह से मुलाकात कर उनके समक्ष अपना दावा रखा. पार्टी का दावा है कि बीते लोकसभा चुनाव में सहयोगी दलों के रूप में बिहार में उसकी जीत का रिकॉर्ड 100 % रहा तो यदि झारखंड विधानसभा चुनाव में भी साथ मिलकर लड़े तो गठबंधन की सौ फीसदी जीत तय है.

शुक्रवार शाम को प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई मुलाकात के दौरान कई सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर बीजेपी नेताओं के समक्ष अपने दावे में लोजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान ने यह बात रखी कि पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने प्रदेश के गरीब- गुरबों के जनकल्याण के लिए अनेकों कार्य किए हैं.इसके अलावा पार्टी के समर्थकों और कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या के कारण झारखंड में संगठन काफ़ी मज़बूत है और जिस तरह से गठबंधन के तहत बीते लोकसभा चुनाव में बिहार में पार्टी ने सौ प्रतिशत स्ट्राइक रेट के साथ जीत दर्ज की है उसी प्रकार झारखंड विधानसभा चुनाव में भी लोजपा-भाजपा गठबंधन सौ प्रतिशत सफलता हासिल करेगी. विगत चुनावी रिकॉर्ड को यदि देखा जाए तो 2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव में लोजपा एनडीए के तहत एकमात्र सीट संथाल परगना के शिकारीपाड़ा से चुनाव लड़ी थी, जहां उसे हार का सामना करना पड़ा था.

आजसू और जदयू से चुनावी गठबंधन पूरी

सीट शेयरिंग को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी की ओर से किया गया यह दावा ऐसे समय में किया गया है जब कुछ दिन पहले ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने झारखंड के लातेहार और पलामू में दो बड़ी जनसभा सह मिलन समारोह को संबोधित किया था और उसके बाद से ही पार्टी के पलामू प्रमंडल में कुछ सीटों पर चुनाव लड़ने के कयास लगने शुरू हो गए थे तो वहीं प्रदेश भाजपा चुनाव सह प्रभारी और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि गठबंधन के तहत झारखंड में चुनाव लड़ने को लेकर पूर्व उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो के नेतृत्व वाली आजसू पार्टी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली जनता दल यूनाइटेड के साथ बातचीत पूरी हो गई है. इसी सिलसिले में बीते दिनों आजसू पार्टी अध्यक्ष सुदेश महतो हिमंत बिस्वा सरमा की मौजूदगी में नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं और उसके बाद से ही यह तय माना जाने लगा है कि बीजेपी की ओर से आजसू पार्टी को 10 से 12 सीट देने पर सहमति बन गई है.

हालांकि जदयू की ओर से अब तक सीटों की संख्या या संभावित सीटों को लेकर बीजेपी नेताओं के साथ किसी चर्चा के होने की बात सार्वजनिक नहीं हो पाई है लेकिन यह माना जा रहा है कि बीते महीने अगस्त में झारखंड प्रदेश जदयू की प्रदेश कार्यकारिणी की हुई बैठक में भाग लेने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने रांची में यह कहा था कि झारखंड विधानसभा चुनाव जदयू एनडीए गठबंधन के तहत ही लड़ेगा. इसके बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि गठबंधन के तहत झारखंड में जदयू को 4 से 5 सीटें मिल सकती है जिसमें पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय की सीट भी शामिल हो सकती है क्योंकि 2019 के चुनाव में इस सीट पर तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान में ओडिसा के राज्यपाल रघुवर दास को हरा चुके सरयू राय ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपनी सीट बदलने से इंकार कर दिया था. इसके अलावा जदयू के खाते में पूर्व मंत्री सुधा चौधरी वाली छतरपुर सीट, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद खीरू महतो की मांडू सीट ( खीरू महतो के बेटे हो सकते हैं उम्मीदवार) भी हो सकती है.

2 अक्टूबर को हजारीबाग में पीएम मोदी

झारखंड में विधानसभा चुनाव झारखंड भाजपा के लिए एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति लग रही है. एक तरफ बीजेपी राज्य में बीते 5 सालों से सत्तारूढ़ हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ( बीच में 5 महीने के चंपाई सोरेन के कार्यकाल को छोड़कर) को विधानसभा चुनाव में उखाड़ फेंकने के लिए पूरे प्रदेश में परिवर्तन यात्रा निकाल रही है और इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत बीजेपी शासित मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के सीएम व बिहार और उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री समेत कई राज्यों के मंत्रियों, सांसद भाग ले चुके हैं तो वहीं आगामी 2 अक्तूबर को इसके समापन में भाग लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी झारखंड आ रहे हैं. दूसरी तरफ सीएम हेमंत सोरेन की बढ़ती लोकप्रियता भी बड़ी चुनौती नजर आ रही है क्योंकि इसी दौरान सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से जेएमएम विधायक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन के नेतृत्व में निकाली गई राज्यव्यापी मंईयां सम्मान यात्रा को काफी समर्थन मिल रहा है और लोगों की भीड़ उमड़ रही है. ऐसे में बीजेपी के लिए झारखंड में वैसे सहयोगी दलों की ओर से हो रहे सीट शेयरिंग की मांग बेहद चुनौतीपूर्ण है, जिसका प्रभाव झारखंड में तो शून्य है लेकिन केंद्र की सत्ता के लिए जरूरी है. इसमें जदयू के अलावा लोक जनशक्ति पार्टी और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा शामिल है.