झारखंड विधानसभा चुनाव: दलबदलू नेताओं को टिकट देने में एनडीए अव्वल, बीजेपी के साथ जदयू और लोजपा ने भी दिए टिकट

झारखंड में दो चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव में दलबदलू नेताओं की चांदी दिख रही है. दलबदलू नेताओं को चुनाव में टिकट देने में एनडीए अव्वल नजर आ रहा है. बीजेपी और जदयू के बाद अब लोजपा(रामविलास) ने भी दलबदल करने वाले नेता को इस चुनाव में टिकट देकर अपना उम्मीदवार बनाया है. महज 24 घंटे पहले बीजेपी छोड़कर लोजपा में शामिल होने वाले जनार्दन पासवान चतरा सीट से लोजपा सह एनडीए के प्रत्याशी होंगे. चतरा में पहले चरण में 13 नवंबर को मतदान होना है जबकि 25 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे. सोमवार को नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने उन्हें पार्टी का सिंबल प्रदान किया. इस मौके पर पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान सहित कई नेता मौजूद थे.

जनार्दन पासवान 1995 और 2009 में राजद के टिकट पर चतरा विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बन चुके हैं. इसके अलावा 2014 में राजद और 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने के बाद इस बार लोजपा (रामविलास) के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. इस मौके पर पार्टी अध्यक्ष ने भरोसा जताया कि विधानसभा चुनाव में जनार्दन पासवान बड़े अंतर से जीत कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA की पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे.

एक दर्जन नेताओं को मिला टिकट

झारखंड विधानसभा चुनाव में एनडीए के दलों को दलबदलू नेताओं पर चुनाव जीतने को लेकर ज्यादा भरोसा नजर आ रहा है. कम से कम टिकट वितरण को देखकर तो ऐसा ही नजर आ रहा है. लोजपा की ओर से जनार्दन पासवान को टिकट दिए जाने के पहले जदयू और बीजेपी में भी दलबदल करने वाले नेताओं को टिकट देने में मेहरबान नजर आई. एक दर्जन से अधिक दलबदल करने वाले नेताओं को इस चुनाव में टिकट मिला है. इसमें बीजेपी से ही लगभग एक दर्जन नेताओं को टिकट मिला तो वहीं सहयोगी दल जदयू और लोजपा (रामविलास) भी इसमें पीछे नहीं रही.

बीजेपी में दूसरे दलों से आने वाले जिन प्रमुख नेताओं को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है, उसमें पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और उनके बेटे बाबूलाल सोरेन के अलावा एनसीपी विधायक रहे कमलेश कुमार सिंह, जेएमएम विधायक रहे लोबिन हेंब्रम, निर्दलीय विधायक अमित यादव, रोशनलाल चौधरी, डॉ. मंजू कुमारी के अलावा बीते लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी में शामिल होने और चुनाव हारने वाले गीता कोड़ा और सीता सोरेन को भी इस चुनाव में टिकट प्रदान किया गया है. जबकि जदयू के खाते में आई दोनों सीटों के उम्मीदवार, तमाड़ में राजा पीटर और जमशेदपुर पश्चिम में सरयू राय भी चुनाव के समय ही पार्टी में शामिल हुए.

बेटे-बेटियों और बहू को भी टिकट

विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए की पार्टियां सिर्फ दलबदल करने वाले नेताओं को टिकट देने के मामले में ही मेहरबान नहीं रही, बल्कि नेताओं के बेटे-बेटियों और बहू तक को भी टिकट से नवाजने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को घाटशिला से टिकट दिया गया है और वह पहली बार चुनावी अखाड़े में उतरेंगे तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा पहली बार पोटका से चुनाव लड़ेंगी. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास साहू उनकी परंपरागत सीट जमशेदपुर पूर्वी से पहली बार चुनाव लड़ेंगी.

इसके अलावा भाजपा ने कई पूर्व विधायकों की पत्नी को भी टिकट देकर उन्हें चुनाव मैदान में उतारा है. इसमें सिंदरी विधायक इंद्रजीत महतो की पत्नी तारा देवी, जेल में बंद झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह भी इस बार चुनाव मैदान में दिखेंगी. भाजपा ने गिरिडीह के सांसद और आजसू पार्टी के महासचिव चंद्रप्रकाश चौधरी के भाई रोशनलाल चौधरी को भी बड़कागांव से अपना उम्मीदवार बनाया है तो वहीं धनबाद के सांसद और बाघमारा के पूर्व विधायक ढुल्लू महतो के भाई शत्रुघ्न महतो भाजपा के टिकट पर इस बार बाघमारा से चुनाव मैदान में हैं.