रांची: … आखिर 16 युवाओं की जान लेने के बाद उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ खत्म हो गई. दौड़ के दौरान बड़ी संख्या में युवाओं के बीमार पड़ने का खौफ ऐसा रहा कि 583 पदों के लिए आवेदित 5.13 लाख अभ्यर्थियों में आधे भी शारीरिक परीक्षण में भाग लेने नहीं पहुंचे. पुलिस विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार 2 चरणों में हुई शारीरिक परीक्षण में केवल 2,27,403 अभ्यर्थियों ने ही हिस्सा लिया.
शामिल हुए इन अभ्यर्थियों में 1,11,492 पुरुष और 39429 महिला अभ्यर्थी शारीरिक दक्षता परीक्षा में सफल रहे. सफल रहे यह सभी अभ्यर्थी अब जेएसएससी की ओर से आयोजित लिखित परीक्षा में शामिल होंगे. इसमें अंतिम रूप से 583 सफल अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा. हालांकि विभाग की ओर से अब तक 16 अभ्यर्थियों की मौत के कारणों का खुलासा विभाग की ओर से नहीं किया गया है. जिसके कारण इन युवाओं के मौत के कारणों की गुत्थी कभी नहीं सुलझ पाएगी और उनके परिजन यह नहीं जान पाएंगे कि उन्होंने अपने बेटों को क्यों खोया.
हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत कई मंत्री, सत्ता पक्ष के नेता यह दावा कर रहे हैं कि कोरोना काल के दौरान हुआ टीकाकरण इसका प्रमुख कारण हो सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि अब तक किसी मेडिकल जांच रिपोर्ट से नहीं हो पाई है. विपक्षी दल भाजपा ने जरूर इसके लिए मेडिकल बदइंतजामी को जिम्मेदार बताया. बीजेपी ने अपनी ओर से इन मृतक युवाओं के परिजनों को एक एक लाख रुपए की सहायता राशि देने का एलान करते हुए कई परिजनों को प्रदान की है.