New Delhi: 2024 का लोकसभा चुनाव अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंच गया है जहां अब केवल 57 सीटों पर अंतिम व सातवें चरण का मतदान ही शेष है. अंतिम चरण में जिन प्रमुख लोगों की किस्मत ईवीएम में बंद होने वाली है उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं जो हाई प्रोफाइल उत्तर प्रदेश के वाराणसी सीट से चुनाव मैदान में अपनी जीत की हैट्रिक बनाने के मुहाने पर खड़े हैं. इस चरण में पश्चिम बंगाल की 9 सीटों पर भी चुनाव है और यहां डायमंड हार्बर सीट से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी चुनाव मैदान में खड़े हैं.
18वीं लोकसभा के लिए 76 दिनों तक चला चुनाव प्रचार अब तक का सबसे लंबा चुनाव प्रचार का समय रहा. 2019 के चुनावों में 68 दिनों तक चले चुनावी अभियान के मुकाबले इस बार पीएम मोदी ने 206 जनसभाएं और रोड शो किए जबकि 2019 में उन्होंने केवल 146 चुनावी कार्यक्रम किए थे. वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 133, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 101 और बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने 87 चुनावी सभाएं की.
विपक्षी इंडिया गठबंधन की ओर से सबसे अधिक जेएमएम नेत्री और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन ने 150 से ज्यादा चुनावी सभाएं और जनसंपर्क अभियान किया. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 140 जनसभाएं और रोड शो किए. राहुल गांधी ने 107 तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 102 और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 73 चुनावी जनसभा को संबोधित किया. इसी तरह R.J.D – राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव ने भी 200 से ज्यादा चुनावी सभाएं की.
चुनावी घोषणा पत्र और प्रमुख मुद्दे
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को न्याय पत्र का नाम देते हुए 5 न्याय किसान,युवा, नारी, श्रमिक और भागीदारी के 25 गारंटियों की बात की तो वहीं बीजेपी ने मोदी की गारंटी के नाम से अपने घोषणा पत्र जारी किया और देश के सामने 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को सामने रखा. चुनाव में पीएम मोदी के भाषणों में 400 पार, मुस्लिम लीग, मटन, मछली, मुसलमान, मंगलसूत्र के अलावा वोट बैंक के तुष्टिकरण की खूब चर्चा रही वहीं इंडिया गठबंधन के नेताओं के भाषणों में संविधान, लोकतंत्र, आरक्षण के अलावा बेरोजगारी, महंगाई, अग्निवीर का मुद्दा छाया रहा.