JSSC CGL परीक्षा में धांधली का मामला पहुंचा झारखंड हाईकोर्ट, दायर हुई जनहित याचिका, CBI या हाईकोर्ट जज से जांच की मांग

झारखंड के 823 केंद्रों में 21- 22 सितंबर को हुई JSSC CGL परीक्षा में हुई कथित धांधली का मामला अब झारखंड हाईकोर्ट जा पहुंचा है. परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी प्रकाश कुमार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. याचिका में परीक्षा रद्द करने, सीबीआई जांच या फिर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों की कमेटी गठित कर जांच की मांग की गई है. याचिका में प्रार्थी की ओर से कहा गया है कि इस परीक्षा के आयोजन में धांधली हुई है और प्रार्थी के पास इसके पुख्ता प्रमाण हैं. इस परीक्षा में लगभग 3 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे. परीक्षा के कदाचार मुक्त, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण आयोजन को लेकर राज्य सरकार ने दो दिनों तक सभी प्रकार के इंटरनेट सुविधा भी बंद रखी थी हालांकि इस मामले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को तलब किया था और मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की थी.

परीक्षा में धांधली को लेकर भाजपा समेत कई विपक्षी दलों और छात्र संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था तो वहीं राज्यपाल संतोष गंगवार से भी मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर गुहार लगाई गई थी. इसके अलावा अभ्यर्थियों ने परीक्षा में धांधली की शिकायत को लेकर JSSC कार्यालय का घेराव भी किया था और JSSC को भी गड़बड़ी को लेकर ज्ञापन भी सौंपा था. सौंपे गए ज्ञापन में अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि पेपर लीक होने के अलावा परीक्षा में पूछे गए 180 प्रश्न भी रिपीट हैं.

अपने दावे को लेकर अभ्यर्थियों ने आयोग को परिवाद पत्र, पेन ड्राइव व सीडी सौंपते हुए परीक्षा को रद्द करने और मामले की सीबीआइ जांच की मांग की. अभ्यर्थियों की मांग के बाद जेएसएससी ओर से सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी और एक सप्ताह में जांच की रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था. बताया जा रहा है कि जांच समिति ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंप दी है.

जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई

जेएसएससी की ओर से सीजीएल में हुई गड़बड़ी मामले की जांच पूरी होने और जांच रिपोर्ट आयोग को सौंपे जाने की बात कही जा रही है, हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. कहा जा रहा है कि जांच रिपोर्ट पर आयोग के विचार करने के बाद ही सीजीएल परीक्षा के बारे में कोई निर्णय हो सकेगा. उसके बाद आयोग की ओर से रिपोर्ट विभाग को भेजी जाएगी.

जांच समिति ने परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर सभी शिकायतकर्ताओं को अपने दावों से जुड़े साक्ष्य के साथ उपस्थित होने को कहा था लेकिन केवल प्रकाश कुमार ने उपस्थित होकर आठ पृष्ठों का प्रतिवेदन उपलब्ध कराया. इसमें उन तीन मोबाइल नंबर का उल्लेख किया गया है, जिससे मूल फोटो/वीडियो बनाया गया है, लेकिन उन मोबाइल या मोबाइलधारक को प्रस्तुत नहीं किया गया. मोबाइल फोन या सबूतों की सत्यता व प्रमाणिकता से संबंधित कोई शपथ पत्र जांच समिति को नहीं दिया गया. समर्पित सबूत जैसे पेन ड्राइव में रक्षित विभिन्न फोटो व वीडियो की सत्यता तथा प्रमाणिकता का शपथ पत्र भी पेश नहीं किया गया,