हरियाणा में चुनावी जीत से झारखंड में भाजपा हुई आक्रामक, जदयू का सरेंडर, कहा – हर शर्त मंजूर

हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को ऐतिहासिक चुनावी जीत क्या मिली, भाजपा की बल्ले बल्ले झारखंड में भी अब नजर आएगी क्योंकि झारखंड में उसके महत्वपूर्ण सहयोगी दल और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने संकेत दिया कि वह एनडीए फोल्डर में भाजपा की शर्तों पर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने को तैयार है.

पार्टी नेता और पूर्व मंत्री सरयू राय ने कहा है कि वह जमशेदपुर पश्चिम सीट से झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, मुझे जहां से चुनाव लड़ने को कहा जायेगा, मंजूर है. मैंने कहीं खूंटा गाड़ नहीं रखा है.सबकुछ एनडीए नेतृत्व को तय करना है. मैं सिस्टम के साथ हूं.

वर्तमान में जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक सरयू राय बीते महीने सितंबर में जदयू में शामिल हो चुके हैं. उसके बाद से ही यह चर्चा तेज हो गई कि जमशेदपुर पूर्वी से इस बार भाजपा चुनाव लड़ेगी या जदयू, क्योंकि सरयू राय ने कहा था कि वह जमशेदपुर पूर्वी से ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.

क्या कहते हैं सरयू राय

2019 के विधानसभा चुनाव में अपने ही मुख्यमंत्री और वर्तमान में ओडिसा के राज्यपाल रघुवर दास के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने और जीत हासिल करने वाले सरयू राय ने कहा, पहले मैंने कहा था कि जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़गां, अपनी प्राथमिकता भी बतायी थी. लेकिन राज्य में एनडीए को ज्यादा से ज्यादा सीटें लाने की चुनौती है. यह माना जाता है कि भाजपा या एनडीए के लिए जमशेदपुर पूर्वी आसान सीट है, लेकिन जमशेदपुर पश्चिम सीट जीतना भी जरूरी है.

उन्होंने कहा कि भाजपा के आला नेताओं से इस मामले में तीन चरण की बात हुई है. असम के मुख्यमंत्री व चुनाव सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा से बात हुई है. उन्होंने कहा है कि जमशेदपुर में दो सीटें हैं. एक पर आपको लड़ना है. प्रधानमंत्री की इच्छा का हवाला देते हुए कहा गया कि जमशेदपुर पश्चिम सीट से लड़ते, तो एनडीए के लिए अच्छा होता.

जदयू की दावेदारी

सरयू राय के इस बयान के बाद से झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की मुश्किलें आसान होती नजर आ रही है क्योंकि जदयू के पहले जमशेदपुर पूर्वी समेत आधे दर्जन से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किए जाने की बात कही जा रही थी. इन सीटों में तमाड़, मांडू, छतरपुर, झरिया, टुंडी, मांडर, चतरा शामिल है.

तमाड़ पर जदयू की दावेदारी पूर्व मंत्री गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर के हाल ही में जदयू में शामिल होने के बाद से कही जा रही है. क्योंकि 2009 के विधानसभा चुनाव में राजा पीटर जदयू के टिकट पर तमाड़ से विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं और उसके बाद 2010 में तत्कालीन अर्जुन मुंडा सरकार में उत्पाद सह मद्य निषेध मंत्री बने थे. उन्हें अर्जुन मुंडा का बेहद करीबी भी माना जाता है.

जदयू में शामिल होते राजा पीटर (फाइल फोटो)

इसी तरह मांडू सीट पर झारखंड जदयू के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद खीरू महतो के बेटे दुष्यंत पटेल के चुनाव लड़ने की तैयारी है और हाल के महीनों में उन्होंने अपनी सक्रियता भी बढ़ाई है तो वहीं इस सीट से वर्तमान विधायक जयप्रकाश भाई पटेल भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और 2019 के चुनाव के पहले भाजपा कभी भी इस सीट से चुनाव नहीं जीत पाई थी. जबकि 2005 के चुनाव में खीरू महतो इस सीट से विधायक चुने गए थे.

तमाड़ और मांडू के अलावा जदयू की दावेदारी पलामू प्रमंडल के छतरपुर सीट को लेकर भी है, जहां से जदयू के टिकट पर पूर्व मंत्री सुधा चौधरी इस बार भी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं हालांकि उनकी राह आसान नहीं होगी क्योंकि वर्तमान में पुष्पा देवी बीजेपी के टिकट पर ही 2019 का विधानसभा चुनाव जीत चुकी हैं और वर्तमान विधायक का टिकट काट जदयू को यह सीट देना बीजेपी के लिए बहुत मुश्किल होगा.

गठबंधन बीजेपी की मजबूरी

2005 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन में 6 सीट जीतने के बाद भी लगातार कमजोर होते संगठन और 2008 में तत्कालीन जदयू विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या के बाद झारखंड में जदयू और भाजपा में तालमेल कभी नहीं रहा और दोनों ही पार्टियां अलग अलग चुनाव लड़ती रही हैं. तालमेल को लेकर भाजपा का स्टैंड हमेशा यह रहता रहा था कि जदयू के साथ गठबंधन केवल बिहार में ही है लेकिन बीते लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में सरकार के लिए जदयू पर भाजपा की बढ़ी निर्भरता ने इस बार झारखंड में जदयू के साथ चुनावी गठबंधन करने को भाजपा को मजबूर किया.

जदयू के साथ गठबंधन के संबंध में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपने एक बयान में कहा था कि जदयू के साथ चुनावी गठबंधन का निर्णय केंद्रीय नेतृत्व को लेना है तो वहीं झारखंड प्रदेश भाजपा चुनाव सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी इस संबंध में दिए गए अपने एक बयान में कह चुके हैं कि आजसू पार्टी और जदयू के साथ झारखंड में विधानसभा चुनाव गठबंधन के तहत लड़ने की बात हो चुकी है और इसका खुलासा चुनाव की तारीखों के एलान के बाद किया जाएगा.