झारखंड के पूर्व मंत्री गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर सोमवार को 10 साल बाद एक बार फिर से जदयू में शामिल हो गए. राजा पीटर ने नयी दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा के समक्ष पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की. इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद खान, झारखंड प्रदेश महासचिव सुशील सिंह, झारखंड प्रदेश के पूर्व संयोजक शैलेंद्र महतो समेत कई अन्य नेतागण भी उपस्थित थे. हालांकि झारखंड प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद खीरू महतो और झारखंड के पूर्व मंत्री व वर्तमान में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय की गैरमौजूदगी से यह भी सवाल उठ रहे हैं कि राजा पीटर को पार्टी में शामिल कराने को लेकर झारखंड प्रदेश शीर्ष नेतृत्व की सहमति है या नहीं. क्योंकि राजा पीटर जदयू के ही पूर्व विधायक व मंत्री एवं वर्तमान में तमाड़ के विधायक विकास सिंह मुंडा के पिता स्व. रमेश सिंह मुंडा की हत्या के आरोप में लंबे समय तक जेल में बंद रह चुके हैं और फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं.
एनडीए में सीट समीकरण पर होगा असर
झारखंड विधानसभा चुनाव के ठीक पहले इस नाटकीय घटनाक्रम का असर झारखंड एनडीए में सीट बंटवारे के समीकरण पर भी पड़ने की संभावना है क्योंकि हाल ही में झारखंड प्रदेश भाजपा के चुनाव सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने एक बयान में कहा था कि झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर सहयोगी दलों आजसू पार्टी और जदयू से बातचीत हो चुकी है और इसका एलान पितृ पक्ष के बाद किया जाएगा. ऐसे में इस बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बाद कुछ सीटों पर बीजेपी और सहयोगी दलों में तालमेल बैठाने की चुनौती होगी. इसमें मुख्य रूप से तमाड़ की सीट होगी जहां से राजा पीटर पूर्व में दो बार विधायक रह चुके हैं और एक बार फिर से इस सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं तो वहीं बीजेपी की एक अन्य सहयोगी आजसू पार्टी का भी इस सीट पर हमेशा से दावा रहा है और 2009 व 2014 के चुनाव में गठबंधन के तहत यहां से चुनाव लड़ चुकी है. ऐसे में इस सीट को लेकर एनडीए में जदयू और आजसू पार्टी आमने सामने हो सकते हैं.
2008 में शिबू सोरेन को हरा चुके हैं राजा पीटर
गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर वर्ष 2008 में तत्कालीन विधायक और पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हुई हत्या के बाद हुए तमाड़ उपचुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को झारखंड पार्टी के उम्मीदवार के रूप में हराकर राष्ट्रीय स्तर पर समाचारों की सुर्खियों में आए थे. हालांकि अगले ही साल 2009 में विधानसभा चुनाव के पहले वह झारखंड पार्टी छोड़कर जदयू में शामिल हो गए और एक बार फिर से तमाड़ से जदयू के टिकट पर विधायक चुने गए. 2010 में जब अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में सरकार बनी तो उसमें वह उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री बनाए गए. हालांकि 2014 और 2019 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
2019 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले जब एनआईए ने पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की जांच शुरू की तो इस दौरान जेल में बंद नक्सली कुंदन पाहन से हुई पूछताछ के आधार पर राजा पीटर को एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया था और उसके बाद से ही वह जेल में बंद थे. बीते लोकसभा चुनाव के ठीक एनआईए कोर्ट से मिली जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद वह एक बार फिर से राजनीति में सक्रिय हुए और लोकसभा चुनाव के दौरान खूंटी लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के पक्ष में चुनाव प्रचार किया था. लोकसभा चुनाव के बाद से ही संभावना जताई जा रही थी कि विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से वह अपनी किस्मत आजमा सकते हैं. ऐसे में अब जब उन्होंने जेडीयू का दामन थाम लिया है तो संभावना है कि एनडीए में सीट शेयरिंग में तमाड़ सीट को लेकर जदयू और आजसू पार्टी आमने सामने नजर आएं.