“रार नहीं ठानूंगा, हार नहीं मानूंगा” के अंदाज में चिराग पासवान ने धनबाद विधानसभा सीट से प्रदेश अध्यक्ष को बनाया उम्मीदवार

रार नहीं ठानूंगा,हार नहीं मानूंगा..

पूर्व पीएम स्व. अटल बिहारी वाजपेई जी की कविता की यह पंक्ति झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर सटीक उदाहरण बनता नजर आ रहा है. एनडीए के तहत बीजेपी से सीट शेयरिंग की मांग करने वाले चिराग पासवान ने आगामी विधानसभा चुनाव में एकतरफा एलान करते हुए धनबाद विधानसभा सीट से उम्मीदवार उतारने का एलान कर दिया है. यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि धनबाद भाजपा की सिटिंग सीट है और राज सिन्हा पिछले 2 टर्म से यहां से विधायक हैं. ऐसे में चिराग पासवान के इस एकतरफा एलान के बाद बीजेपी से सीट शेयरिंग की दावेदारी हल्की पड़ती नजर आ रही है.

कभी ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ कहने वाले चिराग पासवान ने रविवार को धनबाद के कोयला नगर के नेहरू परिसर में पार्टी की ओर से आयोजित जन आक्रोश रैली में कहा कि मैं झारखंड को अपना प्रदेश मानता हूं. झारखंड मेरी जन्मभूमि और मेरे पिता की कर्मभूमि रही है. मेरे नेता, मेरे पिता स्व. रामविलास पासवान जी ने एक विकसित झारखंड का सपना देखा था. उनके सपने को पूरा करके विकसित झारखंड बनाने के संकल्प के साथ आप लोगों के बीच आया हूं. यहां के युवा हताश और निराश हैं. उन्हें रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए बाहर जाना पड़ रहा है. इस बार का चुनाव झारखंड की अस्मिता की लड़ाई है. इस बार चुनाव में 5 साल के लिए ऐसी सरकार को चुनें, जो विकसित झारखंड बनाने के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि झारखंड में पिछले 5 साल की हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने अगली सात पीढ़ी के लिए भ्रष्टाचार करके लूट कर धन इक्कठा कर लिया है. वर्तमान सरकार की लूटतंत्र ने झारखण्ड को शर्मसार करने का काम किया है.

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के केंद्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने रैली में ही एलान कर दिया कि धनबाद विधानसभा सीट से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान उनके उम्मीदवार होंगे. उन्होंने रैली में उपस्थित पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से प्रदेश में अगली सरकार एनडीए गठबंधन की सरकार बनाने में अपना पूरा योगदान देने की भी अपील की. बता दें कि बीते शुक्रवार को ही लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान ने रांची में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और प्रदेश भाजपा संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह से मुलाकात कर उन्हें अपनी पार्टी के कई विधानसभा सीटों पर एनडीए गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने व सीट शेयरिंग का प्रस्ताव दिया था लेकिन इसके ठीक अगले दिन ही शनिवार को पार्टी की ओर से धनबाद में जन आक्रोश रैली के आयोजित होने वी उसमें पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान की ओर से उम्मीदवार के नाम का एलान किए जाने की बात कही गई थी.

चिराग पासवान यहीं नहीं रुके, उन्होंने यह भी दावा किया कि केंद्र में मौजूद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से देश के 80 करोड़ लोगों को जो मुफ्त अनाज दिया जा रहा है, वह उनके पिता रामविलास पासवान की देन है. चिराग पासवान ने कहा कि मेरे पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान हमेशा गरीब पिछड़े के लिए आवाज उठाते रहे. जब वह दूरसंचार मंत्री थे, तब उन्होंने ऐसी योजना बनाई की हर लोगों तक इंटरनेट सेवा पहुंचे. आज आपके हाथों में जो मोबाइल फोन है, जिससे आप तस्वीरें जीआप खींच रहे हैं, वह मेरे पिता की देन है.

उन्होंने कहा कि जब मेरे पिता खाद्य सुरक्षा मंत्री थे, तब उन्होंने ऐसी योजना बनाई कि हर गरीबों को मुफ्त में अनाज मिले. इस प्रस्ताव का कांग्रेस ने काफी विरोध किया लेकिन आज पूरी दुनिया में सबसे बड़ी योजना जन वितरण प्रणाली योजना है. इस योजना के तहत हम प्रतिवर्ष 80 करोड लोगों को मुफ्त में अनाज दे रहे हैं. आज हर गरीब के घर में अनाज पहुंच रहा है. चिराग पासवान ने जोड़ देते हुए कहा कि देश में आरक्षण और संविधान खत्म करने की बात अफवाह है. अपने पिता के संघर्षों की कसम खाकर कहता हूं, ना आरक्षण खत्म होने दूंगा और ना ही संविधान पर किसी भी प्रकार का आंच आने दूंगा. इसके लिए चाहे जो भी करना पड़े करेंगे.