Modi 3.0 या एनडीए गठबंधन वाली मोदी सरकार: सहयोगी दलों पर निर्भर रहने वाली नई सरकार की संभावित चुनौतियां

Ranchi: 18वीं लोकसभा के गठन के लिए 4 जून को हुए मतगणना में एनडीए को 292 सीट मिलने के बाद केंद्र में नई सरकार के गठन की कवायद या उठापटक शुरू हो गयी है. आज एनडीए की अहम बैठक होने वाली है, जिसमें भाग लेने के लिए नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, जीतन राम मांझी, एकनाथ शिंदे समेत कई अन्य नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं. यह माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में  तीसरी बार सरकार बनने जा रही है लेकिन इस बार यह गठबंधन दलों पर निर्भर रहने वाली सरकार होगी. कहा जा रहा है कि सहयोगी दलों ने सरकार गठन से पहले ही बीजेपी पर दवाब बनाना शुरू कर दिया.

सहयोगी दलों की संभावित डिमांड

लोकसभा में 12 सदस्यों वाली जेडीयू ने इस बार 3 कैबिनेट मंत्री की मांग की है. तो 7 सदस्य वाले एकनाथ शिंदे की शिवसेना 1 कैबिनेट और 2 MOS पाने की फिराक में हैं. वहीं 5 सांसद वाले चिराग पासवान भी 1 कैबिनेट और 1 राज्य मंत्री की मांग कर सकते हैं. जीतन राम माझी भी मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनना चाहते हैं. सूत्रों के मुताबिक,16 सांसदों वाली टीडीपी लोकसभा स्पीकर पद के अलावा 5- 6 या फिर इससे ज्यादा भी मंत्रालय मांग सकती है.

आंध्र प्रदेश को स्पेशल स्टेटस

इसके साथ ही चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के लिए स्पेशल स्टेटस भी मांग सकते हैं. तेलंगाना के अलग होने के बाद से ही चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के लिए स्पेशल स्टेटस यानी विशेष राज्य का दर्जा मांगते रहे हैं. इसके पीछे उनका तर्क है कि हैदराबाद के तेलंगाना के पास जाने के बाद आंध्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है.